युद्ध में पहले दिन की क्या स्थिति रही?
इसे सुनेंरोकेंबाद में जब युद्ध हुआ तो वह ऐन युद्ध के समय युधिष्ठिर के समझाने पर पांडवों के दल में शामिल हो गए थे। इस दिन पांडव किसी भी मुख्य कौरव वीर को नहीं मार पाए। – पहले दिन की समाप्ति पर पांडव पक्ष को भारी नुकसान उठाना पड़ा। विराट नरेश के पुत्र उत्तर और श्वेत क्रमशः शल्य और भीष्म के द्वारा मारे गए।
श्रीकृष्ण की नारायणी सेना के सैनिकों की कुल कितनी संख्या थी?
इसे सुनेंरोकेंकृष्ण के 18000 भाइयों और चचेरे भाइयों से मिलकर कम से कम 10 लाख योद्धाओं से मिलकर बनी थी यह सेना। 6. इस सेना में 7 अधिरथ और 7 महारथी थे। सात्यकि सेनापति और बलराम मुख्य सेनापति थे।
करण का कौन सा पुत्र कुरुक्षेत्र में जीवित बच गया था?
इसे सुनेंरोकेंगौरतलब है कि महान पराक्रमी कर्ण के नौ पुत्र थे लेकिन इसमें एक पुत्र ही महाभारत के युद्ध के बाद जिंदा बच सका था. वो वृषकेतु थे. जो उनके सबसे छोटे पुत्र थे
महाभारत का कौन सा योद्धा जीवित है?
इसे सुनेंरोकेंमहाभारत के युद्ध के पश्चात कौरवों की तरफ से 3 और पांडवों की तरफ से 15 यानी कुल 18 योद्धा ही जीवित बचे थे जिनके नाम हैं- कौरव के : कृतवर्मा, कृपाचार्य और अश्वत्थामा, जबकि पांडवों की ओर से युयुत्सु, युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल, सहदेव, कृष्ण, सात्यकि आदि।
पांडवों का वनवास कितने वर्षों का मिला?
इसे सुनेंरोकेंइस हार के बाद पांडवों को 12 साल के लिए वनवास और 1 साल का अज्ञातवास मिला था। इस समय पांडवों ने खेल की शर्त को मानकर सबकुछ सह लिया लेकि अंदर ही अंदर बदले की आग में जल रहे थे । जब पांडव वन को जाने लगे तब विदुर ने जो धृतराष्ट्र से कहा वह आने वाले युद्ध के संकेत थे। इस समय द्रौपदी और पांडवों ने जो किया वह विनाश का सूचक था
हिंदू शास्त्रों के अनुसार कौन से भगवान कृष्ण के एक महान भक्त और यादव सेना के सेनापति थे?
इसे सुनेंरोकेंअक्रूर भगवान श्री कृष्ण के भक्त थे. वह वसुदेव के भाई कहे जाते हैं. कंस की सलाह पर उन्होंने कृष्ण और बलराम को वृन्दावन से मथुरा लेकर आए थे. अक्रूर यादव सेना के सेनापति थे.
कर्ण का कौन सा पुत्र था?
कुंती
कर्ण/पालक
युयुत्सु की मौत कैसे हुई?
इसे सुनेंरोकेंमहाभारत के दौरान धृतराष्ट्र ने अपने 99 बेटों को खो दिया था। लेकिन उनका एक बेटा युयुत्सु जो पांडवों की ओर से युद्ध लड़ा रहा था इसलिए वही एकमात्र कौरव था जो जीवित रह गया था। युयुत्सु एक दासी से जन्मा था। इस युद्ध में पांडवों ने भी अभिमन्यु और अजन्मी संतान समेत कई महायोद्धाओं को भी खो दिया था
क्या महाभारत का अश्वत्थामा जिंदा है?
इसे सुनेंरोकेंअश्वत्थामा, महाभारत काल का ऐसा चरित्र है जो आज भी जिंदा है। ऐसी मान्यता है कि अश्वत्थामा एक श्राप के कारण अमर है और जंगलों में भटक रहा है। उसके शरीर पर बड़े-बड़े घाव हैं। अश्वत्थामा को ये श्राप किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दिया था