राधास्वामी के 5 नाम क्या है?
इन्हें भी देखें
- सुरत शब्द योग
- संतमत
- राधास्वामी
- बाबा फकीर चंद
- मानवता मंदिर
- शिव ब्रत लाल
शब्द धुन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार राधास्वामी समस्त रचना का उद्गम है। राधास्वामी वह आध्यात्मिक धुन है, जो रचना के सर्वोच्च लोक में अनवरत गाज रही है। मौलिक धुन अथवा आदि शब्द (प्रथम धुन) ही स्वामी है। राधा सृजनात्मक शक्ति है, जो शब्द से प्रकट हुई है और स्वामी शब्द का भंडार है
सत्संग कब से शुरू होंगे?
इसे सुनेंरोकेंराधा स्वामी डेरा ब्यास के सत्संग घरों में होने वाले सभी समागमों पर रोक लगा दी गई है। अब 31 मार्च 2021 तक कोई सत्संग या समागम नहीं होगा। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। कोरोना महामारी फैलने के चलते हालातों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है
राधास्वामी की स्थापना कब हुई थी?
इसे सुनेंरोकें1861 में Basant panchami के दिन Radha Soami की स्थापना की। कहा जाता है कि उन्होंने पांच वर्ष की आयु में ही Surat Shabd Yog की साधना कर ली थी। इसके बाद वे स्वामी जी महाराज के नाम से प्रसिद्ध हुए। दुनियाभर में उन्हीं के शिष्य राधास्वामी मत को चला रहे हैं।
राधा स्वामी का गुरु कौन है?
इसे सुनेंरोकेंराधास्वामी मत की स्वामीबाग शाखा में जहाँ पवित्र समाधि स्थित है, वहाँ वर्तमान में कोई आचार्य नहीं है। राधास्वामी मत की हजूरी भवन, पीपलमंडी, आगरा शाखा के वर्तमान आचार्य परम गुरु हुजुर अगम प्रसाद माथुर है।
राधा स्वामी का गुरु मंत्र क्या है?
इसे सुनेंरोकेंअसल में जिस समय बाघ आरुणि पर झपटा था, उस समय आरुणि की निगाह बाघ पर पड़ गई. मारे घबराहट के मुनि के मुख से अनायास ही ऊं नमो नारायणाय का मंत्र निकल गया.
राधा स्वामी कौन सा धर्म है?
इसे सुनेंरोकेंराधा स्वामी सत्संग भारत का गुह्य धार्मिक मत है। इस मत के अनुयायी हिन्दू और सिक्ख दोनों हैं। इस मत या संप्रदाय की स्थापना 1861 में शिव दयाल साहब ने की थी, जो आगरा के एक हिन्दू महाजन थे।
राधा स्वामी का शब्द क्या है?
इसे सुनेंरोकेंराधास्वामी लोक और सृष्टि रचना का वर्णन उसमें पुरुष सुन्न समाध में थे। जब कुछ रचना नहीं हुई थी। फिरजब मौज हुई तब शब्द प्रकट हुआ और उससे सब रचना हुई, पहले सतलोक और फिर सतपुरुष की कला से तीन लोक और सब विस्तार हुआ। इन सब लोकों से ऊपर राधास्वामी लोक बताया जाता है।