गुणक क्या है या एनसीसी से किस प्रकार संबंधित है उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए?

गुणक क्या है या एनसीसी से किस प्रकार संबंधित है उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: जब उपभोग की सीमान्त प्रवृत्ति (MPC) शून्य के बराबर होती है तो गुणक का मूल्य होता है। जब बचत की सीमान्त प्रवृत्ति 0

पूंजी निर्माण से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसंक्षेप में पूंजी निर्माण से अभिप्राय है देश की वास्तविक पूंजी की अभिवृद्धि । किसी देश का आर्थिक विकास उसके पूंजी निर्माण की गति पर निर्भर करता है, क्योंकि- (1) पूंजी निर्माण से पूंजी का फैलाव एवं गहनता सम्भव बनती है । (2) पूंजी संचय नयी तकनीक के प्रयोग को प्रोत्साहन प्रदान करता है ।

उपभोग करने की प्रवृत्ति के निर्धारक तत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकें1. द्राव्यिक आय- समाज में द्राव्यिक आय में वृद्धि होने पर उपभोग प्रवृत्ति बढ़ जायेगी तथा द्राव्यिक आय में कमी होने पर उपभोग प्रवृत्ति घट जायेगी। 2. अप्रत्याशित लाभ एवं हानियाँ- यदि अप्रत्याशित लाभ प्राप्त होते हैं जैसे शेयरों की कीमतें अचानक बढ़ जाती हैं तो उपभोग फलन ऊपर की ओर खिसक जायेगा।

समग्र पूर्ति क्या होती है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: वस्तुओं तथा सेवाओं के कुल उत्पादन को समग्र पूर्ति कहते हैं। यह राष्ट्रीय आय या राष्ट्रीय उत्पाद के बराबर होती है

गुणांक की गणना कैसे की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंदो चरों x और y के बीच विशिष्ट संख्यात्मक मान दिए बिना दृश्य रूप में सहसंबंध की उपस्थिति का अर्थ है कि जब एक चर प्रस्तुत करता है। कार्ल पियरसन का सहसंबंध-गुणांक का मान किसी दिशा में बदलता है तो दूसरे चर का दो चरों के बीच के रेखीय संबंधों का संख्यात्मक मान या तो उसी दिशा में बदलता है (अर्थात् मापन करता है।

अर्थशास्त्र में जमा और प्रवाह अवधारणा से आप का क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंयह मॉडल अर्थव्यवस्था के प्रमुख बाजारों मे होने वाले लेन-देन को आर्थिक एजेंटों के बीच के पैसे एव्ं माल और सेवाओं के प्रवाह के रूप में दार्शाता है। एक क्लोज सर्किट में पैसे और माल के आदान-प्रदान का प्रवाह दिखाया जाता है जिसमे यह दो आर्थिक चरो का प्रवाह विपरीत दिशा में चलता हैं।

बचत की सीमांत प्रवृत्ति से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) – आय में परिवर्तन के कारण बचत में परिवर्तन के अनुपात को सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) कहते हैं। यह उस बढ़ी हुई आय का वह भाग या अनुपात है जो बढ़ी हुई आय से बचाई गई है। बचत में परिवर्तन (∆S) को आय में परिवर्तन (∆y) से भाग करके MPS को ज्ञात किया जा सकता है।