मृदा में चूना मिलाने पर क्या परिवर्तन होते हैं?

मृदा में चूना मिलाने पर क्या परिवर्तन होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंचूना का मृदा पर प्रभाव मान बढ़ाता है। एल्युमिनियम, मैगनीज व् लोहा की घुलनशीलता को कम करता है। कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटाशियम की मात्रा को बढ़ाता है।

खेत में चूना डालने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंचूना डालने से सभी प्रकार के जीवाणुओं में वृद्धि होती है, जो नाइट्रोजन का स्थितिकरण करते है। चूना डालने से हानिकारक कीटाणु समाप्त हो जाते है। सूक्ष्म जीवितों की कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होने से नाईट्रेट और स्लेट बनने की क्रिया में वृद्धि होती है।

प्र 6 किस मिट्टी में पोटाश और चूना अधिक मात्रा में पाया जाता है अथवा जल के कितने स्त्रोत है?

इसे सुनेंरोकेंजलोढ़ मिट्टी (दोमट मिट्टी) जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदियों के निक्षेपण से होता है। जलोढ़ मिट्टी में नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस की मात्रा कम होती है। यह कारण है कि जलोढ़ मिट्टी में यूरिया खाद डालना फसल के उत्पादन के लिए आवश्यक होता है। जलोढ़ मिट्टी में पोटाश एवं चूना की पर्याप्त मात्रा होती है।

क्षारीय मृदा को कैसे सुधारें?

इसे सुनेंरोकेंसतही जल निकास की व्यवस्था करें खासतौर से भारी वर्षा के समय। यह देखें कि जरूरत से ज्यादा पानी खेत में न ठहरे। भूमि को समतल कर लेने के बाद क्यारी बनाएँ और उसमें करीब 10 सेमी पानी भर दें। अब मिट्टी के नम होते ही भूमि में मौजूद छोटे-छोटे कंकड़ों को निकाल दें और फिर 10 सेमी गहरी सिंचाई करें।

भूमि की लवणता को दूर करने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंजिप्सम का प्रयोग: क्षारीय मृदा के सुधार हेतु जिप्सम का प्रयोग सामान्य रूप से किया जाता है। इस भूमि में विनिमयशील सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। सबसे पहले मिट्टी में जिप्सम की जांच करके अच्छी गुणवत्ता वाली बारीक जिप्सम को जमीन पर छिटककर सतह से 10 सें.

किसान मिट्टी में चुना क्यों मिलाता है?

इसे सुनेंरोकेंचूना भूमि की रासायनिक, भौतिक एवं जैविक गुणों में सुधार कर कृषि उत्पादन बढ़ाने में सहायता करता है। चूना का मृदा पर प्रभाव निम्नांकित है। हाइड्रोजन की मात्रा कम कर मिट्टी का पी.

इसे सुनेंरोकेंचूना डालने से सभी प्रकार के जीवाणुओं में वृद्धि होती है, जो नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं। चूना डालने से हानिकारक कीटाणु समाप्त हो जाते हैं। सूक्ष्म जीवियों कि कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होने से नाईट्रेट और सल्फेट बनने की क्रिया में वृद्धि होती है।