मनोगत्यात्मक कौशल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार, मनोगत्यात्मक कौशल हस्त कार्यों से होता है, जैसे कि खाई खोदना या कार धोना, अधिक जटिल कार्य, जैसे कि मशीनरी का एक जटिल भाग संचालित करना या नृत्य करना। निर्देशित प्रतिक्रिया:- निर्देशित प्रतिक्रिया कौशल के विकास में एक प्रारंभिक चरण है।
हाथों से सम्बन्धित क्रियात्मक विकास क्या है?
इसे सुनेंरोकेंचीजों को हाथ में लेना, स्वत: बैठना, घुटनों के बल चलना एवं स्वत: चलना, विकास क्रम में ये उपलब्धियां मिल्क पत्थर साबित होती हैं। जैसे शिशु की गतिविधियों को देखकर माता – पिता उसके साथ खेलने एवं बोलने में अधिक समय व्यतीत करते हैं। बच्चे का हँसना, मुस्कुराना एवं बलबलाना, दूसरों को अच्छा लगता है।
मनोगत्यात्मक विकास से क्या अभिप्राय है?
इसे सुनेंरोकेंबच्चों के शारीरिक और विकास में मनोगत्यात्मक विकास में अभिभावकों की भूमिका शारीरिक और मनोगत्यात्मक विकास अनुवांशिक तथा वातावरणीय कारक दोनों प्रकार के कारकों से प्रभावित होता है। अनुवांशिक गुण वह गुण है जो बच्चे अपने माता-पिता और पूर्वजों से प्राप्त करते हैं।
स्थूल गतिक कौशल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंस्थुल क्रियात्मक कौशल विकास से बच्चे शारिरीक गतिविधियों के नियंत्रण एवं समन्वय है। सीगते है स्थुल क्रियात्मक कौशल है। चलना, दोडना, कुदना, पैरो प्रहार करना, ठोकर लगाना मुल कौशल है। जिनका विकास बाल्यकाल के पारम्भिक वर्ष में सहज ही होता है।
सूक्ष्म गतिक कौशल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसूक्ष्म गतिक कौशल:- सूक्ष्म गतिक कौशल हाथ, कलाई, उंगलियों, पैरों, पैर की उंगलियों, होंठ और जीभ के छोटे गति को संदर्भित करता है और वे छोटी मांसपेशियों के समन्वय को शामिल करते हैं। इनमें ड्रॉइंग, राइटिंग, साइकलिंग आदि क्रियाएं शामिल हैं।
मनो गत्यात्मक विकास से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंगत्यात्मक विकास(Gatyaatmak vikaas) किसी कार्य को बेहतर तरीके से कर पाने की क्षमता का विकास होना गत्यात्मक विकास कहलाता है। बच्चों के गत्यात्मक विकास उन्हें अधिक स्वतंत्र बनाते हैं। जिसके फलस्वरूप बच्चे अपने वातावरण को समझ पाते हैं।
हाथों से सम्बंधित क्रियात्मक विकास क्या है?
गतिक कौशल क्या है?
इसे सुनेंरोकेंक्रियात्मक (गतिक) कौशल : – एक क्रियात्मक कौशल एक कार्य है, जिसमें विशिष्ट कार्य करने के इरादे से मांसपेशियों की सटीक गति शामिल होती है। क्रियात्मक (गतिक) कौशल को उस प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसके द्वारा क्रिया को अभ्यास के साथ अधिक तेज़ी से और सही तरीके से निष्पादित किया जाता है।