12 मार्च को किसकी जयंती है?

12 मार्च को किसकी जयंती है?

इसे सुनेंरोकेंआज का इतिहास : अगर इतिहास के आज के दिन यानी 12 मार्च का बात करें तो 12 मार्च 1930 को महात्‍मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरूआत की थी । जिसका मुख्य उद्देश्य अंग्रेजों के ‘नमक कानून को तोड़ना’ था । दांडी यात्रा 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 लगभग 25 दिन बाद दांडी पहुंचकर महात्‍मा गांधी ने समुद्रतट पर नमक कानून तोड़ा।

११ मार्च को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंहर साल 11 मार्च को विश्व भर में वर्ल्ड प्लंबिंग डे के रूप में मनाया जाता है । विश्व नलसाजी दिवस (World Plumbing Day) की शुरूआत वर्ल्ड प्लंबिंग काउंसिल (डब्ल्यूपीसी) द्वारा किया गया था ।

मार्च में कौन कौन से डे होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमार्च ग्रेगोरी कैलंडर का तीसरा महीना है। यह उन सात महीनों में से एक है जिनके दिनों की संख्या ३१ होती है। मार्च के दूसरे गुरूवार को “विश्व किडनी दिवस” मनाया जाता है।

31 मार्च को किसकी जयंती है?

इसे सुनेंरोकेंवर्ष 2021 में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती तिथि के अनुसार 31 मार्च को मनाई जाएगी।

12 मार्च को क्या हुआ?

इसे सुनेंरोकें12 मार्च की महत्वपूर्ण घटनाएँ भारत में ⚡ बंबई राज्‍य के विभाजन के बाद महाराष्‍ट्र के पहले मुख्‍यमंत्री और देश के पांचवे उपप्रधानमंत्री यशवंतराव चव्हाण का जन्‍म हुआ। महात्मा गांधी ने अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से दांडी मार्च की शुरुआत की। इसका उद्देश्‍य अंग्रेज़ों द्वारा बनाये गए ‘नमक क़ानून को तोड़ना’ था।

गांधी जी ने नमक यात्रा कब शुरू की?

इसे सुनेंरोकेंबात मार्च 1930 की है जब गांधी जी ने नमक पर कर लगाए जाने के विरोध में नया सत्याग्रह चलाया जिसे 12 मार्च से 6 अप्रैल तक नमक आंदोलन (Salt March in Hindi) के रूप में लगातार 24 दिनों तक 400 किलोमीटर का सफर अहमदाबाद (साबरमती आश्रम) से दांडी, गुजरात तक चलाया गया ताकि स्वयं नमक उत्पन्न किया जा सके.

गांधी जी ने नमक कर कानून कब और कहां थोड़ा?

इसे सुनेंरोकेंबापू ने मार्च 1930 में अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से 24 दिन की यात्रा शुरू की थी। यह यात्रा समुद्र के किनारे बसे शहर दांडी के लिए थी जहां जा कर बापू ने औपनिवेशिक भारत में नमक बनाने के लिए अंग्रेजों के एकछत्र अधिकार वाला कानून तोड़ा और नमक बनाया था।

गांधीजी ने नमक कानून तोड़ने के लिए दांडी मार्च कब शुरू किया?

इसे सुनेंरोकेंचौबीस दिवसीय मार्च 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 तक ब्रिटिश नमक एकाधिकार के खिलाफ कर प्रतिरोध और अहिंसक विरोध के प्रत्यक्ष कार्रवाई अभियान के रूप में चला। इस मार्च का एक अन्य कारण यह था कि सविनय अवज्ञा आंदोलन को एक मजबूत उद्घाटन की आवश्यकता थी जो अधिक लोगों को गांधी के उदाहरण का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करे।

सविनय आंदोलन कब हुआ?