सूफीवाद और इसके सिद्धांत क्या है?

सूफीवाद और इसके सिद्धांत क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसूफीवाद इस्लाम के आध्यात्मिक आयामों को वरीयता देता है। यह दैवीय ज्ञान में विश्वास करता है और इसे पवित्र संपर्क तथा ईश्वर के साथ एकता के व्यक्तिगत अनुभव का स्रोत मानता है। इसके चलते यह अहसास प्रबल होता है कि केवल ईश्वर ही है जिसे पूजा जाना चाहिये। यह सूफीवाद का मूल मंत्र है।

सूफीवाद के दो सिद्धांत कौन कौन से हैं?

सूफी मत के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित हैं

  • एकेश्वरवाद – सूफी मत इस्लाम की तरफ झुका रहा इसलिए इसने भी एकेश्वरवाद में विश्वास रखा।
  • आत्मा – सूफी साधकों ने आत्मा को विश्वास माना हैै।
  • जगत – सूफी साधकों के अनुसार परमात्मा ने जगत की सृष्टि की।
  • मानव – सूफी साधकों के अनुसार सभी जीवो में मानव श्रेष्ठ है।

11 सूफी मत की दो शिक्षाएं क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंवे धैर्य, विनम्रता तथा परोपकार के रुख में भी विश्वास करते हैं। उनकी बुनियादी शिक्षाओं में ईश्वर अथवा अल्लाह के अस्तित्व पर ध्यान केन्द्रित करके उसके नाम का जाप करने के माध्यम से उसकी आराधना करना शामिल है। इसे धिक्र कहा जाता है। यह धार्मिक भावनाएँ पैदा करने के लिये संगीत तथा गीतों को सुनने को प्रोत्साहित करता है।

भारत में सूफियों के उदय के क्या कारण थे?

इसे सुनेंरोकेंसूफ़ी ख़ानक़ाह भारत में इस्लाम के अधिक अनुकूल होने का एक कारण खानकाह की स्थापना के कारण था। एक खानकाह को आमतौर पर धर्मशाला, लॉज, सामुदायिक केंद्र या सूफियों द्वारा संचालित धर्मशाला के रूप में परिभाषित किया जाता है। खानकाहों को जमात खाना , बड़े सभा हॉल के रूप में भी जाना जाता है।

सूफी साधना के कितने सोपान है?

इसे सुनेंरोकेंसूफी साधना के सात सोपान हैं- 1.

अल्वारो की दो प्रमुख शिक्षाएं क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंबारहवें आलवार तिरुमगैयालवार का जन्म शैव परिवार में हुआ। ये भगवान की दास्य भावना से उपासना करते थे। इन्होनें तमिल में छ ग्रंथ लिखे हैं, जिन्हें तमिल वेदांग कहते हैं। इन आलवारों के भक्तिसिद्धांतों को तर्कपूर्ण रूप से प्रतिष्ठित करने वाले अनेक आचार्य हुए हैं जिनमें रामानुजाचार्य और वेदांतदेशिक प्रमुख हैं।

सूफी संत कौन थे उनकी मुख्य शिक्षाएं क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंइब्नुलअरबी प्रथम व्यक्ति था जिसने सूफी मत में महत्त्वपूर्ण सिद्धांत वहदत्त-उल-वुजूद (wahdat ul wajood) दिया. जिसका अर्थ है, ईश्वर सर्वव्याप्त है व सभी में उसकी झलक है, उससे कुछ भी अलग नहीं है, सभी मनुष्य समान हैं. सूफियों के निवास स्थान खानकाह कहलाते थे जबकि उनकी वाणी महफूजात (ग्रन्थ) में थी.