इंद्रायण की जड़ क्या होती है?
इसे सुनेंरोकेंइन्द्रायण क्या है? (What is Indrayan in Hindi?) इसके फल को कब्ज के उपचार के लिए तीक्ष्ण विरेचनार्थ प्रयोग किया जाता है। यह पैत्तिक विकार, बुखार और पक्वाशय के कृमियों पर विशेष उपयोगी है। इसकी जड़ का प्रयोग जलोदर, कामला (पीलिया), आमवात (गठिया) एवं मूत्र सम्बन्धी बीमारियों पर विशेष लाभकारी माना गया है।
इन्द्रायण का चूर्ण कैसे बनाएं?
इसे सुनेंरोकेंइन्द्रायण के फल (indrayan fruit) और इन्द्रायण की जड़ (indrayan mool benefits) को आप सूर्य की रौशनी में सुखा ले। उसके बाद इसे पीसकर बारीक़ चूर्ण बना ले। ध्यान रहे दोनों को मिक्स या मिलाना नहीं है। इन्द्रायण चूर्ण का प्रयोग अन्य तेल के साथ किया जाता है जैसे आवला तेल, तिल का तेल, अरंडी का तेल इत्यादि।
तुंबे के बीज का क्या भाव है?
इसे सुनेंरोकेंEMI ₹3,000 से ऊपर की खरीद पर ही उपलब्ध है.
इंद्रायण फल क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंइंद्रायण एक तरह की बेल है जिसमें लगने वाला फल, उसका बीज, पत्ते, जड़ सभी में औषधीय गुण होते हैं। स्किन और बालों के लिए भी इंद्रायण का फल फायदेमंद माना जाता है। इंद्रायण का फल बाहर से दिखने में तरबूज जैसा होता है।
तुंबे के बीज क्या काम आते हैं?
इसे सुनेंरोकेंतुंबे की मांग दिल्ली, अमृतसर, भीलवाडा आदि में है। तुंबा, भाखड़ी व सांटे की जड़ से बनी देशी व आयुर्वेद औषधियां पीलिया, कमर दर्द आदि रोगों में काम आती है। &क्षेत्र में लोग खरीफ फसल के साथ उगने वाली खरपतवार तुंबे का व्यापार कर रहे हंै। यह तुंबा आयुर्वेद औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है।
तुंबा खाने से क्या फायदा होता है?
तुम्बे का चूर्ण पेट, बदहजमी, गैस इत्यादि में बहुत उपयोगी सिद्ध होता है।
तुम्बा से जुड़ी कहावत क्या है?
इसे सुनेंरोकेंबस्तर की वनवासी संस्कृति में तुम्बा उनकी जीवन यात्रा का हमसफर है। ऐसा माना जाता है कि तुम्बा (लौकी) जो एक प्रकार की सब्जी या फल होता है, का जन्म अर्फिका में हुआ था। पहले लौकी का इस्तेमाल खाने से ज्यादा बर्तन के रूप में किया जाता था। यह लबें आकार के साथ ही कद्दू की तरह गोल आकार का भी होता है।
तुम्बा का क्या भाव है?
इसे सुनेंरोकें₹210.00 फ्री डिलीवरी प्रथम ऑर्डर पर.