भारत दुर्दशा में फौजदार का नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंउसकी फटेहाली भारतीय विपन्नता एवं उसकी मूर्छा आत्माविश्वास-शून्यता एवं भयग्रस्तता के बिम्ब को उभारती है। तीसरे अंक में ‘भारत दुर्दैव’ एवं ‘सत्यानाश फौजदार’ अपने भारत दुर्दशामूलक प्रयोजनों को स्पष्ट करते हैं। भारत दुर्दैव की वेशभूषा आधी मुसलमानी एवं आधी क्रिस्तानी है।
ध्रुवस्वामिनी नाटक कब लिखा गया?
इसे सुनेंरोकेंयह प्रसाद की अंतिम और श्रेष्ठ नाट्य-कृति है। इसका कथानक गुप्तकाल से सम्बद्ध और शोध द्वारा इतिहाससम्मत है। यह नाटक इतिहास की प्राचीनता में वर्तमान काल की समस्या को प्रस्तुत करता है।
भारत दुर्दशा नाटक में क्या दर्शाया गया है?
इसे सुनेंरोकेंभारत दुर्दशा नाटक की रचना 1875 में भारतेंदु हरिश्चंद्र ने की थी| इसमें भारतेन्दु ने प्रतीकों के माध्यम से भारत की तत्कालीन स्थिती का चित्रण किया है। वे भारतवासियों से भारत की दुर्दशा पर रोने और फिर इस दुर्दशा का अंत करने का प्रयास करने का आह्वान करते हैं।
काशी वर्णन किसकी कविता है?
इसे सुनेंरोकेंभारतेंदु हरिश्चंद्र – कविता कोश
भारत दुर्दशा Natak में कितने अंक हैं?
इसे सुनेंरोकेंइस नाटक के पाँचवे अंक में भारत, भारत दुर्देव, मदिरा, लोभ, आलस्य जैसे भाव प्रतीकों की जगह स्पष्ट मानवीय आकार में पात्र उभरते हैं- बंगाली, महाराष्ट्री, एडीटर, कवि, सभापति और दो देशी सजीव पात्र हैं।
ध्रुवस्वामिनी नाटक की नायिका कौन है उनका चरित्र चित्रण कीजिए?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर-भूमिका-ध्रुवस्वामिनी नाटक की नायिका स्वर्गीय सम्राट समुद्र गुप्त की पुत्रवधू है। रामगुप्त की पत्नी है। इस नाटक की नायिका कुमार चन्द्रगुप्त की प्रेमिका है। ध्रुवस्वामिनी ही इस नाटक की प्रमुख स्त्री पात्र है।
भारतेंदु हरिश्चंद्र की मूल संवेदना क्या है?
इसे सुनेंरोकेंभारतेंदु जी की यह विशेषता रही कि जहां उन्होंने ईश्वर भक्ति आदि प्राचीन विषयों पर कविता लिखी वहां उन्होंने समाज सुधार, राष्ट्र प्रेम आदि नवीन विषयों को भी अपनाया। भारतेंदु की रचनाओं में अंग्रेजी शासन का विरोध, स्वतंत्रता के लिए उद्दाम आकांक्षा और जातीय भावबोध की झलक मिलती है।
भारत की दुर्दशा का प्रमुख कारण कवि ने क्या बताया?
इसे सुनेंरोकेंAnswer. भारतेंदु हरिश्चंद्र ने भारत की दुर्दशा का कारण भारत वासियों में आपसी बैर और फूट को बताया है। अंग्रेजों द्वारा भारतीयों में डाली गई फूट के कारण भारतीयों में आपस में कलह हो गई है, और भारतवासी एक दूसरे से बैर पाल बैठे हैं। यह भारत की दुर्दशा का सबसे प्रमुख कारण है।