1 सुदर्शन जी का जन्म कब हुआ था?

1 सुदर्शन जी का जन्म कब हुआ था?

इसे सुनेंरोकेंइनका जन्म सियालकोट में 1895 में हुआ था। प्रेमचन्द के समान वह भी ऊर्दू से हिन्दी में आये थे। लाहौर की उर्दू पत्रिका हज़ार दास्ताँ में उनकी अनेकों कहानियां छपीं। उनकी पुस्तकें मुम्बई के हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय द्वारा भी प्रकाशित हुईं।

ग सुदर्शन जी का जन्म कब और कहा हुआ था PTO?

इसे सुनेंरोकेंसुदर्शन का वास्तविक नाम बदरीनाथ था। आपका जन्म सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में १८९६ में हुआ था।

सुदर्शन जी का एकमात्र उपन्यास कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंउनकी रचनाओं में हार की जीत, सच का सौदा, अठन्नी का चोर, साईकिल की सवारी, तीर्थ-यात्रा, पत्थरों का सौदागर, पृथ्वी-वल्लभ आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

लेखक सुदर्शन का मूल नाम क्या है *?

इसे सुनेंरोकेंसुदर्शन जी का मूल नाम बदरीनाथ था।

सुदर्शन किसकी पत्रिका है?

हिंदी साहित्य की पत्र-पत्रिकाएं सूची –

पत्रिका का नाम प्रकाशन वर्ष संपादक
सुदर्शन- मासिक 1900 देवकीनंदन/माधव
बुद्ध‌‍ि प्रकाश 1852 मुंशी सदासुखलाल
निष्कर्ष – साप्ताहिक 1956 धर्मवीर भारती/ लक्ष्मीकांत वर्मा
नये पत्ते 1953 लक्ष्मी कान्त वर्मा/ रामस्वरूप चतुर्वेदी

सुदर्शन किसकी रचना है?

इसे सुनेंरोकेंसुदर्शन का नाम प्रेमचंद युग के सशक्त कथाकार के रूप में माना जाता हैं. सुदर्शन की पहली कहानी हार की जीत 1920 में प्रकाशित हुई. इनकी यह पहली कहानी ही श्रेष्ठतम रचनाओं में मानी जाती हैं. सर्वप्रथम कथाकार सुदर्शन ने उर्दू में लिखना आरम्भ किया, इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली.

सुधार्शन जी का जन्म कौन से गाव में हुआ था *?

इसे सुनेंरोकेंपरिचय सुदर्शन का जन्म वर्ष 1896 ई. में सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। उनकी कहानियों का मुख्य लक्ष्य समाज व राष्ट्र को स्वच्छ व सुदृढ़ बनाना रहा था।

निम्नलिखित में से कौन सी रचना सुदर्शन की है?

सुदर्शन (साहित्यकार)
जन्म भूमि सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान)
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र साहित्यकार, पटकथा लेखक
मुख्य रचनाएँ ‘हार की जीत’, ‘सच का सौदा’, ‘साईकिल की सवारी’, ‘पत्थरों का सौदागर’ आदि।

निराला जी का मूल नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ का जन्म बंगाल की महिषादल रियासत (जिला मेदिनीपुर) में माघ शुक्ल ११, संवत् १९५५, तदनुसार २१ फ़रवरी, सन् १८९९ में हुआ था। वसंत पंचमी पर उनका जन्मदिन मनाने की परंपरा १९३० में प्रारंभ हुई। उनका जन्म मंगलवार को हुआ था। जन्म-कुण्डली बनाने वाले पंडित के कहने से उनका नाम सुर्जकुमार रखा गया।

4 सुदर्शन का वास्तविक नाम क्या हैं *?

इसे सुनेंरोकेंउनका वास्तविक नाम ‘पण्डित बद्रीनाथ भट्ट’ था। सुदर्शन प्रेमचन्द परम्परा के कहानीकार थे। मुंशी प्रेमचंद और उपेन्द्रनाथ अश्क के समान ही वे हिन्दी और उर्दू में लिखते रहे। उन्होंने अपनी प्राय: सभी प्रसिद्ध कहानियों में समस्याओं का आदर्शवादी समाधान प्रस्तुत किया है।

तत्वबोधिनी पत्रिका किसकी है?

इसे सुनेंरोकेंतत्वबोधिनी पत्रिका, महर्षि देवेन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा १६ अगस्त १८४३ को स्थापित की गयी थी। यह तत्वबोधिनी सभा की पत्रिका थी जिसका प्रकाशन १८८३ तक होता रहा। यह कोलकाता से बांग्ला में प्रकाशित होती थी।