गेंद स्कूटर के साथ कहीं चली गई उसके बाद गेंद के साथ क्या क्या हुआ होगा सोचकर बताइए?

गेंद स्कूटर के साथ कहीं चली गई उसके बाद गेंद के साथ क्या क्या हुआ होगा सोचकर बताइए?

इसे सुनेंरोकेंउसके बाद गेंद के साथ क्या-क्या हुआ होगा? सोचकर बताओ। उत्तर: स्कूटर वाले के घर के बच्चे नई गेंद देखकर खुश हो गए होंगे।

गेंद कहाँ छुप गई थी?

इसे सुनेंरोकेंगेंद कुदकती-फुदकती दूर जाकर एक झाड़ी में छिप गई।

लखनवी अंदाज निबंध को आप और क्या नाम देना चाहेंगे?

इसे सुनेंरोकेंआप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे? इस कहानी का नाम ‘झूठी शान’ भी रखा जा सकता है क्योंकि नवाब ने अपनी झूठी शान-शौकत को बरकरार रखने के उद्देश्य से अपनी इच्छा को नष्ट कर दिया। 5. नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है।

दिनेश की मां क्या कर रही थी?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर : दिनेश की माँ सिलाई मशीन चला रही होंगी। हमने इस मशीन को अपने घर, पड़ोसियों के घर व दर्ज़ी की दुकानों पर देखा है।

अगर तुम्हारे घर में गेंद खो गई तो कहाँ कहाँ ढूँढ़ोगे?

अगर तुम्हारे घर में गेंद खो गई तो कहाँ-कहाँ ढूँढ़ोगे?…Solution.

पलंग के नीचे दरवाज़ों के पीछे
सोफे के नीचे बगीचे में
परदों के पीछे अलमारी के नीचे

पाशा खो गया तो क्या नहीं खेल पाएंगे?

इसे सुनेंरोकेंSolution. पासा खो गया तो – लूडो नहीं खेल पाएँगे।

लखनवी अंदाज नामक अध्याय में लेखक ने नवाब साहब का चित्र कैसे खींचा है?

इसे सुनेंरोकेंनवाब साहब ने अपनी नवाबी का परिचय किस प्रकार दिया? ‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर लिखिए। उत्तरः नवाब साहब ने अपनी नवाबी का परिचय देने के लिए खीरा खाने के स्थान पर उसकी फाँकों को सूँघ-सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया और वे इस क्रियाकलाप से थक गए ऐसा दिखाने के लिए लेट गए और लेखक को दिखाने के लिए डकार भी ली।

लेखक ने किस तरीके को शिष्टता और कोमलता का तरीका कहा है और क्यों?

इसे सुनेंरोकेंलेखक को नवाब साहब की किस बात पर अपना सिर झुकाना पड़ा? लेखक को नवाब साहब द्वारा खीरे के इस्तेमाल की विधि पर अपना सिर झुकाना पड़ा कि किस प्रकार से अपनी खानदानी शिष्टता, स्वच्छता और कोमलता प्रदर्शित करते हुए नवाब साहब ने खीरे का आनंद मात्र सूंघ कर लिया था। लेखक को खीरे खाने से इंकार करने पर अफसोस क्यों हो रहा था?

दिनेश बगीचे की और क्यों भागा?

इसे सुनेंरोकेंतभी पेड़ के पत्तों को हिलाती हुई कोई वस्तु धम से घर के पीछे वाले बगीचे में गिरी। दिनेश आवाज़ से पहचान गया कि वह वस्तु क्या हो सकती है। वह एकदम से उठकर बरामदे की चिक सरका कर बगीचे की ओर भागा। और खिड़कियाँ बंद थे।