इलायची की खेती कौन से राज्य में होती है?

इलायची की खेती कौन से राज्य में होती है?

इसे सुनेंरोकेंभारत में खेती दक्षिण भारत के केरल में मालाबार की पहाड़ियों में उत्कृष्ट गुणवत्ता की इलायची की खेती की जाती है| जो पूरी दुनिया में मशहूर है। केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं। इलायची की कीमत इसके आकार, रंग तथा ताजगी से आँकी जाती है। हरे रंग की और बड़े आकार की ताजा इलायची अधिक महँगी होती है।

इलायची का पौधा कितने दिन में तैयार होता है?

इसे सुनेंरोकेंपौधा उगाने में लगता है समय एक महीने बाद इलायची का पौधा अच्छी तरह निकल आता है।

भारत में इलायची का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है?

इसे सुनेंरोकेंचालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मसाले में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई मसालों की रानी, छोटी इलायची​​अपनी मनमोहक सुगंध और स्वाद के कारण दुनिया भर में मशहूर है। देश में केरल देश छोटी इलायची का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।

इलायची का पहाड़ कहाँ है?

इसे सुनेंरोकेंइलायची पहाड़ियाँ भारत के पश्चिमी घाट की पर्वतमाला की पहाड़ियाँ हैं। कार्डेमम का हिन्दी अर्थ इलाइची होता है। भारत के भौगोलिक द्र्ष्टिकोण से यह दक्षिण भारत की एक पहाड़ी है, जो अन्नामलाई (नीलगिरि पहाड़ी के दक्षिण में स्थित) पहाड़ियों के दक्षिण में स्थित है।

इलायची कौन से महीने में बोई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंइलायची के पौधों को खेत में बारिश के मौसम लगाना चाहिए। वैसे भारत में जुलाई के महीने में इसे खेत में लगाया जा सकता है, क्योंकि इस समय बारिश होने से इसमें सिंचाई की आवश्यकता कम पड़ती है। ध्यान रहे इलायची के पौधे को हमेशा छाया में ही लगाना चाहिए। बहुत अधिक सूर्य की रोशनी और गर्मी के कारण इसकी बढ़वार कम हो जाती है।

इलायची का भाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंबाजार में एक किलो छोटी इलायची की कीमत 1 हजार रुपये से 6 हजार रुपये तक के बीच है. इसकी औसत कीमत 3 हजार रुपये प्रति किलो मान सकते हैं, जिसमें आपको अच्छी क्वालिटी की छोटी इलायची मिल जाएगी. बताते चलें कि इलायची की कीमत उसकी क्वालिटी, पैकिंग और वजन पर निर्भर करती है.

इलायची कितने दिनों में फल देता है?

इसे सुनेंरोकेंइलायची का पौधा 25 से 30 रुपए की कीमत में किसानों को मिल सकेगा। इसके लिए डीएफओ डॉ. रवि कुमार ¨सह ने सीमैप के वैज्ञानिकों से संपर्क स्थापित कर यहां की जलवायु के अनुकूल पौधों को तैयार कराया है। इन पौधों की ऊंचाई करीब चार से पांच फिट होगी, हालांकि फल के लिए चार वर्ष का इंतजार करना पड़ेगा।