नीला जल क्यों झिलमिला रहा था?

नीला जल क्यों झिलमिला रहा था?

इसे सुनेंरोकेंउज्ज्वलता के लिए कवि ने ‘नील जल में किसी की गौर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो’ कहा है। जिस प्रकार नीले जल में गोरा शरीरी कांतिमान और सुंदर (उज्ज्वल) लगता है, उसी प्रकार भोर की लाली में (सूर्योदय में) आकाश की नीलिमा कांतिमान और सुंदर लगती है। जैसे हिल रही हो।

II सूर्योदय से उपा का कौन सा जादू टूट रहा है?

इसे सुनेंरोकेंनिरम्र नीला आकाश, काली सिर पर पुते केसर-से रंग, स्लेट पर लाल खड़िया चाक, नीले जल में नहाती किसी गोरी नायिका की झिलमिलाती देह आदि दृश्य उषा के जादू के समान प्रतीत होते हैं। सूर्योदय के होते ही ये सभी दृश्य समाप्त हो जाता है। इसी को उषा का जादू टूटना कहा गया है।

नीले जल में झिलमिलाती देह से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंव्याख्या: कवि सूर्योदय से पहले आकाश के सौंदर्य में पल-पल होते परिवर्तनों का सजीव अंकन करते हुए कहता है कि ऐसा लगता है कि मानो नीले जल में किसी गोरी नवयुवती का शरीर झिलमिला रहा है। नीला आकाश नीले जल के समान है और उसमे सफेद चमकता सूरज सुंदरी की गोरी देह प्रतीत होता है।

नील जल में या किसी की गौर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो कौन सा अलंकार है?

इसे सुनेंरोकें’गोर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो’ में उपमा अलंकार है। उत्प्रेक्षा और मानवीकरण अलंकारो का प्रयोग है। तत्सम शब्दावली का प्रयोग है।

प्रातःकालीन नभ के लिए कवि ने कितने उपमानों का प्रयोग किया है?

इसे सुनेंरोकें(घ) प्रात:कालीन नभ के लिए कवि ने दो उपमानों का प्रयोग किया है-(i) नीला शंख, (ii) राख से लीपा चौका। ये उपमान सर्वथा नवीन हैं।

नील जल में कौन सा अलंकार है?

इसे सुनेंरोकेंDetailed Solution. उक्त पंक्ति में उपमा अलंकार है। यहाँ नील गगन की तुलना हृदय से की जा रही है। जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

उषा कविता के कवि कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंउषा कविता के कवि का जीवन परिचय, शमशेर बहादुर सिंह को मिलने वाले सम्मान और पुरस्कार। कवि शमशेर बहादुर सिंह की भाषा शैली। कवि शमशेर बहादुर सिंह का जन्म 11 जनवरी 1911 को देहरादून में हुआ था।

अभी गीला पड़ा है से कवि का क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंकोष्ठक में दिया गया है-‘अभी गीला पड़ा है’ कवि भोर के नभ में राख से लीपे हुए चौके की संभावना व्यक्त करता है। आसमान राख के रंग जैसा है। यह चौका प्रात:कालीन ओस के कारण गीला पड़ा हुआ है। अभी वातावरण में नमी बनी हुई है।