डोल ग्यारस का व्रत कैसे किया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंमंदिरों में इस दिन भगवान श्री विष्णु, श्री कृष्ण को पालकी में बिठाकर शोभा यात्रा निकाली जाती है। उनको स्नान कराया जाता है। इस एकादशी के दिन व्रत कर भगवान श्री विष्णु जी की पूजा की जाती है। इस व्रत में धूप, दीप, नैवेद्य और पुष्प आदि से पूजा करने की विधि-विधान है।
डोल ग्यारस का व्रत कब खुलता है?
इसे सुनेंरोकेंडोल ग्यारस व्रत का नियम पालन दशमी तिथि की रात से ही शुरू करें व ब्रह्मचर्य का पालन करें। एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान वामन की प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें। इस दिन यथासंभव उपवास करें उपवास में अन्न ग्रहण नहीं करें संभव न हो तो एक समय फलाहारी कर सकते हैं।
2021 की Dhol ग्यारस कब है?
इसे सुनेंरोकेंDol Gyaras 2021: 17 सितंबर शुक्रवार को पूरे देश में परिवर्तनीय एकादशी मनाई जाएगी। इसे जलझूलनी डोल ग्यारस एकादशी भी कहा जाता है।
डोल ग्यारस 2022 कब है?
इसे सुनेंरोकेंइसके अलावा इसे जलझूलनी यानी डोल ग्यारस भी कहते हैं। इस बार यह एकादशी 17 सितंबर शुक्रवार को रहेगी। डोल ग्यारस का महत्व : इस दिन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं। इसीलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं।
2022 की ग्यारस कब है?
इसे सुनेंरोकेंरमा एकादशी की तिथि 20 अक्टूबर को शाम में 4 बजकर 4 मिनट पर शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम में 5 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। -04 नवंबर, 2022 को देवउठनी एकादशी है। देवउठनी एकादशी की तिथि 3 नवंबर को शाम में 7 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 04 नवंबर को शाम में 6 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी। -20 नवंबर, 2022 को उत्पन्ना एकादशी है।
ग्यारस कब है 2022?
निर्जला एकादशी 2022 में कब है?
इसे सुनेंरोकेंNirjala Ekadashi Vrat 2022: हिंदू धर्म कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस बार 2022 में Nirjala Ekadashi Vrat Date(तिथि) 10 जून 2022 को 7 बजकर 30 मिनट से 11 जून 2022 को 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।
निर्जला एकादशी कब है?
इसे सुनेंरोकेंनिर्जला एकादशी 2022 डेट (When is Nirjala Ekadashi in 2022) इस बार निर्जला एकादशी का व्रत 10 और 11 जून को रखा जाएगा। इस व्रत को बिना अन्न और जल ग्रहण किए रखा जाता है। व्रत 10 जून को रखा जाएगा और पूजा व पारण 11 जून को होगा।