भारतीय राष्ट्रवाद के उदय का सबसे प्रमुख कारण क्या था *?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय राष्ट्रवाद कुछ सीमा तक उपनिवेशवादी नीतियों तथा उन नीतियों से उत्पन्न भारतीय प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप ही उभरा था. पाश्चात्य शिक्षा का विस्तार, मध्यवर्ग का उदय, रेलवे का विस्तार तथा सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों ने राष्ट्रवाद की भावना के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई
यूरोप में राष्ट्रवाद के उदय के क्या कारण थे?
इसे सुनेंरोकेंयूरोप में राष्ट्रवाद का उदय: उन्नीसवीं सदी के मध्य तक यूरोपीय देशों का रूप वैसा नहीं था जैसा कि आज है। विभिन्न क्षेत्रों पर अलग-अलग वंश के लोग राज करते थे। इन इलाकों में राजतंत्र का शासन हुआ करता था। समाज में आये इन परिवर्तनों ने लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को जन्म दिया।
राष्ट्रवाद का विकास कैसे हुआ?
इसे सुनेंरोकें19 वीं शताब्दी के दौरान आधुनिक पश्चिमी शिक्षा और पश्चिमी विचारों के प्रसार के परिणामस्वरूप, बड़ी संख्या में भारतीयों ने एक आधुनिक तर्कसंगत, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और राष्ट्रवादी राजनीतिक दृष्टिकोण को अपनाया। उन्होंने भारतीयों के बीच नए विचारों का उल्लंघन किया, जिसके परिणामस्वरूप अंततः राष्ट्रीय चेतना का विकास हुआ।
राष्ट्रवाद का विकास कब और कैसे हुआ?
इसे सुनेंरोकेंभारतीय राष्ट्रीय आंदोलन राष्ट्रवाद का उदय (Rise of nationalism) – भारत में संगठित राष्ट्रीय आंदोलन उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में प्रारम्भ हूआ था। मुख्य रूप से ब्रिटिश साम्राजयवाद की नीतियों की चुनौतियों के प्रत्युत्तर में भारतीयों ने एक राष्ट्र के रूप में सोचना प्रारम्भ किया था।
राष्ट्र क्या है Wikipedia?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्र की परिभाषा एक ऐसे जन समूह के रूप में की जा सकती है जो कि एक भौगोलिक सीमाओं में एक निश्चित देश में रहता हो, समान परम्परा, समान हितों तथा समान भावनाओं से बँधा हो और जिसमें एकता के सूत्र में बाँधने की उत्सुकता तथा समान राजनैतिक महत्त्वाकांक्षाएँ पाई जाती हों।
भारत में राष्ट्रवाद के क्या कारण है?
इसे सुनेंरोकेंभारत की सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक संरचना तथा विशाल आकार के कारण यहाँ पर राष्ट्रीयता का उदय अन्य देशों की तुलना मे अधिक कठिनाई से हुआ है शायद ही विश्व के किसी अन्य देश में इस प्रकार की प्रकट भूमि में राष्ट्रवाद का उदय हुआ हो।
यूरोप में राष्ट्रवाद का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- राष्ट्रवाद किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहनेवाले लोगों के बीच व्याप्त एक भावना है जो उनमें परस्पर प्रेम और एकता को स्थापित करती है। यह भावना आधुनिक विश्व में राजनीतिक पुनर्जागरण का परिणाम है।
राष्ट्रवाद की विशेषताएं क्या है?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रवाद ही अपने देश की आन और बान पर क़ुरबानी देने का जज़्बा पैदा करता है। राष्ट्रवादी अपनी सीमाओं के साथ अपने राष्ट्र की अस्मिता की रक्षा करता है। देशभक्त मात्र अपनी सीमाओं की। देशभक्त अपने लोगों से प्यार करता है तो राष्ट्रवादी अपने लोगों से प्यार के साथ उन लोगों से नफरत भी करता है जो राष्ट्र विरोधी हैं।
राष्ट्रवादी इतिहास लेखन क्या है?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रवादी इतिहास लेखन का आरम्भ उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में हुआ. अत: राष्ट्रवादी इतिहास लेखन का आरम्भ साम्राज्यवादी इतिहास-लेखन की प्रतिक्रिया के रूप में शुरु हुआ. इसीलिये इसे वैचारिक आधार पर साम्राज्यवाद विरोधी अथवा उपनिवेशवाद विरोधी इतिहास लेखन भी कहा जा सकता है
राष्ट्रवाद के विकास के लिए भारत में कौन कौन से कारक उत्तरदाई थे?
भारतीय राष्ट्रवाद का विकास (10 कारक)
- राजनीतिक और प्रशासनिक एकता:
- अंग्रेजी भाषा और पश्चिमी शिक्षा:
- संचार के परिवहन और साधनों का विकास:
- आधुनिक प्रेस का उद्भव:
- आर्थिक शोषण:
- गौरवशाली भारतीय विरासत का पुनरुद्धार:
- अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं का प्रभाव:
- सामाजिक और धार्मिक सुधार आंदोलन:
राष्ट्रवाद का उदय के क्या कारण है?
राष्ट्रवाद का उदय कब हुआ?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के साथ हुई। जैसा कि आपको याद होगा, 1789 में फ्रांस एक ऐसा राज्य था जिसके संपूर्ण भू-भाग पर एक निरंकुश राजा का आधिपत्य था।