यदि पौधों में प्रकाश संश्लेषण नहीं होगा तो क्या होगा?

यदि पौधों में प्रकाश संश्लेषण नहीं होगा तो क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंपौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करते हैं। तथा उन भोजन को पूरे पेड़ में तने द्वारा भेजा जाता है किंतु यदि पौधे प्रकाश संश्लेषण ना करे तो पत्तियां कभी भी भोजन नहीं बना पाएगी तथा भोजन पौधे के प्रत्येक भाग तक नहीं पहुंचा नहीं पहुंचेगा। जिससे पौधा धीरे धीरे मर जाएगा।

प्रकाशीय श्वसन कौन से पौधों में होता है?

इसे सुनेंरोकेंनोट : प्रकाशिक श्वसन की क्रिया पादप के तीन कोशिकागो में हरितलवक परऑक्सीसोम तथा माइटोकोंड्रीया में संपन्न होती है अर्थात प्रकाश श्वसन क्रिया पूर्ण होने तक उपरोक्त तीनों कोशिकांग एक इकाई के रूप में कार्य करते है। प्रकाश श्वसन शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम Krotkow नामक वैज्ञानिक के द्वारा सन 1963 में किया गया।

प्रकाश संश्लेषण की क्रिया कब होती है?

इसे सुनेंरोकेंप्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया तब होती है जब हरे पौधे प्रकाश की ऊर्जा का इस्तेमाल कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और पानी (H2O) को कार्बोहाइड्रेट में बदलने के लिए करते हैं।

प्रकाश अभिक्रिया और अंधकार अभिक्रिया क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजैव संश्लेषणात्मक पथ (अंधकार अभिक्रिया) इसे कार्बन डाइऑक्साइड का स्थिरीकरण भी कहते हैं। ये अभिक्रियाएं प्रकाश पर निर्भर नहीं होती है। अत: इनके लिए प्रकाश आवश्यक नहीं होता है लेकिन ये प्रकाश की उपस्थिति में भी हो सकती है अत: इन्हें अदीप्त अभिक्रिया या अप्रकाशी अभिक्रिया कहते है।

प्रकाश अभिक्रिया और अंधकार अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं।

प्रकाश संश्लेषण के लिए पत्ती का अनुकूलन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्रकाश-संश्लेषण की क्रिया अनेक कारकों द्वारा प्रभावित होती है। इसके कुछ कारक बाह्य होते हैं तथा कुछ भीतरी। आंतरिक कारण वे होते हैं जो पत्तियों में स्थित होते हुए प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को प्रभावित करते हैं जैसे- पर्ण हरिम, प्ररस, भोज्य पदार्थ का जमाव, पत्तियों की आंतरिक संरचना और और पत्तियों की आयु।

प्रकाश संश्लेषण के लिए पत्तियों में कौन से अनुकूलन होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंप्रकाश संश्लेष की प्रक्रिया में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति मे पत्तियों की कोशिकाओं के अंदर कार्बन – डाय ऑक्साइड और पानी के संयोग से पहले साधारण कार्वोहैड्रेट और बाद में जटिल कार्बोहायड्रेट का निर्माण होता है।

हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण के द्वारा कौन से भोज्य पदार्थ का निर्माण करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइस क्रिया में पौधे सूर्य के प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक उर्जा में परिवर्तित कर देते हैं तथा CO2 पानी जैसे साधारण पदार्थों से जटिल कार्बन यौगिक कार्बोहाइड्रेट्स बन जाते हैं। इन कार्बोहाइड्रेट्स द्वारा ही मनुष्य एवं जीवित प्राणियों को भोजन प्राप्त होता है।

पौधों में श्वसन कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंपौधों में श्वसन (Respiration in plants): पौधों में श्वसन-गैसों का आदान-प्रदान शरीर की सतह द्वारा विसरण (Diffusion) क्रिया से होता है। जलीय पौधे भी विसरण क्रिया द्वारा जल से ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं एवं श्वसन क्रिया के पश्चात् CO2 गैस मुक्त करते हैं। पौधों में गैसों के विनिमय की क्रिया-विधि बहुत ही सरल है।

प्रकाश संश्लेषण कब होता है दिन में या रात में?

इसे सुनेंरोकेंऑक्सीजन तथा प्रकाश-संश्लेषण पौधों में श्वसन की क्रिया दिन-रात हर समय होते रहती है। श्वसन की क्रिया में पौधे अन्य सजीवों की ही तरह ऑकसीजन का प्रयोग करके कार्बनडाइऑक्साइड उत्पन्न करते हैं परन्तु दिन के समय श्वसन के साथ-साथ प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया भी होती रहती है।

श्वसन कौन सी प्रक्रिया है?

इसे सुनेंरोकेंश्वसन एक ऊर्जा-उन्मोचन प्रक्रिया है। श्वसन की क्रिया में भोज्य पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है, जिससे उनमें संचित ऊर्जा मुक्त होती है। श्वसन के समय मुक्त ऊर्जा का कुछ भाग कोशिका के माइटोकॉन्ड्रिया में एटीपी के रूप में संचित हो जाती है।

इसे सुनेंरोकेंजिसमें पौधे की पत्तियों द्वारा प्रकाश की किरणों को अवशोषित करता है| तथा उनसे पत्तियां भोजन बनाती हैं। तथा उन भोजन को पूरे पेड़ में तने द्वारा भेजा जाता है किंतु यदि पौधे प्रकाश संश्लेषण ना करे तो पत्तियां कभी भी भोजन नहीं बना पाएगी तथा भोजन पौधे के प्रत्येक भाग तक नहीं पहुंचा नहीं पहुंचेगा।

पादपों में पोषण कैसे होता है?

इसे सुनेंरोकेंचूँकि पादप अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं, अत: पादप ऑटोट्रॉप्स कहलाते हैं। सभी पादप नहीं बल्कि केवल हरे पादप अपना भोजन स्वयं बनाते (संश्लेषित करते) हैं। चूँकि हरे पादप अपना भोजन स्वयं बनाते हैं अत: इन्हें उत्पादक कहा जाता है। हरे पादप सूर्य की प्रकाश से उर्जा ग्रहण कर उन्हें रासायनिक उर्जा, कार्बन में बदल देते हैं।